Friday, November 21, 2008

इश्क

कभी -कभार ऐसा हो जाता है

कोई अपना कभी हमेशा ही आपके ख्यालो में होता है

कभी आप खोये रहते है उनकी यादों मे

कभी उनकी यादों का कारवा आपके साथ चलता है

कभी चाहत किसी की आपकी रूह को छु जाती है

तो कभी आपकी रूह ही किसी ओर की हो जाती है

जालिम यह इश्क भी एक मर्ज है

हो जाए तो उल्फत न हो तो आफत है