Life is a learning process during which one experiences a number of things- some good, some bad. Sometimes you lose, sometimes succeed. Wht matter in end is how much u learn from these experiences. Success is to be measured not by the position that one has achieved in life but by the obstacles that one overcome. This blog says what I am? Its all abt what I have learned from life till now and has helped me to grow as a person ....may be you also have a same story!
Thursday, July 22, 2010
Mohabaat
ना सोचा था मैंने की आप कभी जिंदगी मे कुछ इस तरहां आएंगे,
हँसते गाते, रोते मनाते जिंदगी का एक हसीन हिस्सा बन जायेंगे
मैंने तो सोचा था की ये भी एक दोस्ती का दौर है
कुछ समय का साथ है, शुरआती दिनों का ही शोर है
ना जान पाई थी की आप धीरे=धीरे मेरी जिंदगी ही बन जायेंगे
जिस रिश्ते को कभी ना समझ पाई थी, वो आपकी ख़ामोशी से समझ जाउंगी
अब बस यही एक दुआ है रब से, की मेरा यार मुझसे ना रूठे
मेरा यार जो मिनंतो से मिला है, बस अब उसका साथ ना छुटे
Monday, January 18, 2010
वापिसी
Well, writing after a long time...this post is not good enough but then its a mirror of my present thoughts!! Hoping to get back in the shayari andaaj soon!!!
ना जाने कैसे आज इतने दिनों के बाद लगा की फिर से अपनी सोच को आवाज दू,
भूल गयी थी शब्दों का जादू, पर दिल ने ना जाने क्यों कहा की अपने हर जज्बे को शब्दों मे उतार दू.
अरसा हो गया था शायद ना खुद से की कोई बात थी,
जिंदगी की भागम भाग मे शायद अपना अस्तितिव ही भूल गयी थी.
जिंदगी के कुछ पल आपकी सोच को बदल जाते है
और आप अपने आप को खुद से ही दूर ले जाते है
शायद कुछ ऐसी ही गलती अनजाने मे मुझसे हो गयी,
जिंदगी की इस भागम भाग मे शायद खुद को थी भूल गयी,
पर शब्दों का प्रेम भी अजीब है
कब खुद जुड़ गयी वापिस इस प्रेम से शायद खुद भी ना जान पाई,
पर वादा है अब ना करुँगी इस प्रेम से बेवफाई.
ना जाने कैसे आज इतने दिनों के बाद लगा की फिर से अपनी सोच को आवाज दू,
भूल गयी थी शब्दों का जादू, पर दिल ने ना जाने क्यों कहा की अपने हर जज्बे को शब्दों मे उतार दू.
अरसा हो गया था शायद ना खुद से की कोई बात थी,
जिंदगी की भागम भाग मे शायद अपना अस्तितिव ही भूल गयी थी.
जिंदगी के कुछ पल आपकी सोच को बदल जाते है
और आप अपने आप को खुद से ही दूर ले जाते है
शायद कुछ ऐसी ही गलती अनजाने मे मुझसे हो गयी,
जिंदगी की इस भागम भाग मे शायद खुद को थी भूल गयी,
पर शब्दों का प्रेम भी अजीब है
कब खुद जुड़ गयी वापिस इस प्रेम से शायद खुद भी ना जान पाई,
पर वादा है अब ना करुँगी इस प्रेम से बेवफाई.
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