हर बात को कहने का एक अलग अंदाज होता है,
हर बात का एक मतलब एक राज होता है
बातों ही बातों मे जिंदगी गुजर जाती है
और जिंदगी गुजर जाने के बाद इस बात का एहसास होता है
बातों की तो बात ही क्या करी जाए,
बातें करते-करते तो जिंदगी ही गुजर जाए
पर अगर बातों की गहराइयों तक कोई पहुचँ जाए,
तो गम का कोई साया जिंदगी को न छु पाये
2 comments:
This reminds me of rock-on song ...
सही कहा तुमने कि बातों कि गहराई तक जाना जरूरी होता है ... क्या यह सोच सही है कि दो शख्स के बीच बातों से बातें तभी निकलती हैं जब दोनों लोगों को उसकी गहराई का एहसास हो?
In other words the tuning or resonance ....
हाँ तुम सही कह रहे हो, गहराई का एहसास होने से ही बातो से बातें निकलती है......
या कह सकते है कि जीवन के कुछ अनुभव ऐसे होते है जो एक जैसे न होते हुऐ है भी एक जैसे होते है............
कभी कभी सोच एक जैसे होती है........वैसे मैं तुम्हारे कहने का मतलब समझ गई...
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